वे दो भाई
वे दो भाई वे दो भाई अजीब ही थे । अभी पिछले दिनों से कॉलेज में दिखने लगे थे । उनकी एक कान की बाली , उनके कपड़े और बातचीत से वे ठेठ देहाती लगते थे । उनका अचानक आना और दोस्तों से पहचान बढ़ाना मेरे लिए थोड़ा जलन का विषय हो रहा था । मेरी शहरी मानसिकता ऐसे किसी भी शख्स को को कैसे स्वीकारती जो हमारे स्टैंडर्ड का नहीं हो ? अंग्रेजी माध्यम का होने के कारण थोड़ी बहुत हेठी तो आ ही गई थी । ऐसे में गाँव के यह दोनों भाई मुझे अप्रिय लगने लगे थे । बाद में पता चला कि वे हाल ही में उत्तर प्रदेश से आए हैं और देर से प्रवेश मिलने के कारण अब बचे खुचे सिलेबस को पूरा करने में लगे हैं। वैसे भी मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश के पढ़ाई में काफी अंतर है। उत्तर प्रदेश की पढ़ाई का स्तर बेहतर ही है और वहां स्थापित उच्चस्तरीय विश्वविद्यालय है जो मध्यप्रदेश के पास कभी नहीं रहे । दोनों भाई शहर के दूसरे कोने से कॉलेज में आते थे और समय से बहुत पहले पहुंच जाते थे । कॉलेज न खुलने की स्थिति में वे समीप के पार्क में ही अपनी कॉपी किताब लेकर बैठ जाते और पढ़ाई करने लगते ।...